अभी हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश में चल रही 500 तथा 1000 के करेंसी नोटों को बंद कर नई करेंसी 500 तथा 2000 के नए नोट लाकर देश में चल रही कालेधन की अर्थव्यवस्था को एक झटके में समाप्त करने का प्रयास किया है। 8 नवंबर की रात को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश में 500 और 1000 रुपए के प्रचलित नोटों को बंद करने के एलान के साथ ही देश के विरोधी दलों के नेताओं के होश फाख्ता हो गए। कोई कहता था कि इतनी जल्दबाजी में लिया गया निर्णय आपातकाल लगाने जैसा है। कोई कहता था कि 1 सप्ताह का समय दिया जाना चाहिए। देश के सबसे झूठे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने तो यहां तक कह दिया कि प्रधानमंत्री जी ने अपने लोगों को पहले ही बता दिया था। “फिर तो अच्छा होता अगर अरविन्द केजरीवाल पहले से ही भारतीय जनता पार्टी में होते तो उनका काला धन भी बच जाता।“ इसलिए उन्होंने काला धन सफेद कर दिया। आदि प्रतिक्रियाएं देखने सुनने को मिली है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव से पूर्व घोषणा की थी कि वह देश में चल रही कालेधन की अर्थव्यवस्था को नहीं चलने देंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि देश में जाली नोटों के प्रचलन से हमारी अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो रही है। जाली नोटों के कारोबार में लगे लोगों का कारोबार फल-फूल रहा है और जाली नोटों के प्रचलन से आतंकवादी गतिविधियों को रोकना कठिन हो रहा है।
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देश की वर्तमान अर्थव्यवस्था कुछ आतंकवादी संगठनों के हाथों चली गई थी। जो समय समय पर पाकिस्तान तथा बांग्लादेश की सीमाओं के माध्यम से नकली नोटों को आतंकवादी घटनाओं में शामिल लोगों का पोषण करने के लिए प्रयोग करते थे। यहां तक कि कश्मीर में आतंकी संगठनों के संपर्क में आकर सेना के जवानों पर भी पत्थरबाजी इन्हीं नकली नोटों के माध्यम से करवाई जाती थी तथा वहां के बेरोजगार युवाओं को पत्थरबाजी के लिए भी पैसे दिए जाते थे। 500 एवं 1000 के नोटों को बंद कर के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने एक तीर से कई निशाने साधने का कार्य किया है। एक ओर जो लोग काला बजारी कर दो नंबर का व्यापार करते थे तथा उस पूंजी को सरकुलेशन में लाने के बजाए अपने घरों तक सीमित रखते थे तथा उस पर सरकार को टैक्स नहीं देते थे। अब वह राशि मिट्टी बन चुकी है और एक ही झटके में यदि वह राशि बैंक खातों में चली भी जाती है तो सरकार को अकूत धनराशि टैक्स पेनाल्टी के रूप में प्राप्त होगी तथा यहां तक भी संभव है कि जो व्यक्ति काली कमाई को बैंक खाते में जमा कर आएगा उसका दुगुना उसे टैक्स चुकाना पड़ेगा यदि वह अपने खाते में जमा नहीं करता तो वह राशि रद्दी कागज में तब्दील हो जाएगी।
प्रधानमंत्री की योजना में एक बड़ी खासियत यह देखने को मिली है कि उन्होंने पुराने नोटों को 30 दिसंबर तक अपने खातों में जमा कराने का अवसर दिया है। इससे जिन लोगों की थोड़ी बहुत जमा पूंजी गाड़ी कमाई की होगी वह निश्चित होकर अपने खातों में डाल सकते हैं तथा उन्हें जल्दबाजी करने की आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही एटीएम से पैसा निकालने की भी सीमा तय कर दी गई है। जो 40,000 माह में निकाला जा सकता है। जिससे किसी व्यक्ति को कोई परेशानी ना हो एक सर्वे के अनुसार हमारे देश में 20 से 40% अर्थव्यवस्था काले धन के रूप में सर्कुलर होती है। यदि कुल अर्थव्यवस्था का 40% में काले धन के रूप में संचालित होता है तो 30,00,000 लाख करोड का धन पुराने नोट बंद करने की व्यवस्था से सरकारी खाते में आएगी। यदि काले धन की राशि 20% भी रहती है तो यह 15 लाख करोड की बनती है। इस प्रकार सरकार के वित्तीय सर्जिकल स्ट्राइक से सरकारी खाते मालामाल हो जाएंगे।
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कुछ लोग कहते हैं कि यदि सरकार बड़े नोट बंद कर काले धन को रोकना या समाप्त करना चाहती है तो 2000 के नए नोट तथा 500 के नए नोट लाने की क्या आवश्यकता थी जैसा की हमने पहले ही कहा है कि इस देश के पड़ोसी देशों से नकली करेंसी आती थी तथा उसे ड्रग के धन्दे, उग्रवाद को बढ़ावा देने तथा समानंतर काली अर्थव्यवस्था को चलाया जा रहा था। नए नोटों के आने के बाद अब पाकिस्तान बंगलादेश को नकली करेंसी छपाना कठिन हो जाएगा। इस प्रकार नए नोटों के आने के बाद नकली नोटों के माध्यम से अनैतिक गतिविधियों पर अंकुश लगेगा कुल मिलाकर पुराने 500 एवं 1000 के नोटों को एक झटके में बंद करना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का साहसिक कदम है और देश समाज के हित में है। देश की संप्रभुता के लिए आवश्यक है जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं वह या तो काले धन के रक्षक हैं या उनके पास अकूत काला धन है या केवल राजनीतिक लाभ के लिए प्रधानमंत्री कि नए नोटों की योजना का विरोध कर रहे हैं। इस वक्त नई व्यवस्था के पक्ष में पूरा देश खड़ा है कुछ लोगों को जो असुविधा हुई है वह शीघ्र दूर होगी और हम सबको इस मुहिम में साथ देना चाहिए और इसके लिए हम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का तहे दिल से धन्याबाद करते हैं कि उन्होंने देश को एक नई दिशा प्रदान की है जिसकी हमें बहुत सख्त जरूरत थी।